Shrimadbhaagvat Aur Tulasi-Sahitya INR 520.00
Book summary
जनमानस को सर्वाधिक परितोष एवं परितृप्ति प्रदायक उन्तमर्ण ग्रंथों में श्री मद्भागवत अप्रतिम है। यह अपने रचना काल से निरन्तर विभिन्न रूपों में उपजीव्य ग्रंथ के रूप में समादृत है। ग्रंथ-विग्रह के रूप में इसे व्यापक मान्यता मिली है। यों तो भारतीय साहित्य को इसने प्रेरित एवं प्रभावित किया है। यह ग्रंथ भक्तिकालीन साहित्य की मूल-चेतना का स्त्रोत है। लोक नायक तुलसीदास श्री मद्भागवत से प्रत्यक्ष-परोक्ष रूपों में प्रभूत रूपेण प्रभावित हैं। उनकी महत्कृति रामचरितमानस में तो भागवत को सर्वजन हिताय लोकमंगलार्थ स्थानान्तरित किया है। ज्ञान, भक्ति, लीला, अवतार काव्य तथा अन्य विभिन्न सन्दर्भों में तुलसी-साहित्य को दिवेचित-विश्लेषित करने में यह पुस्तक अत्यन्त उपयोगी है। विश्वास है, अध्यात्मरत, साहित्य मर्मज्ञ, तनवान्वेषी, भक्ति एवं लीला-जिज्ञासु-जनों को इस पुस्तक से परितोष मिलेगा। -प्रकाशक