Arakshi Patha Pradarshika INR 176.00
Book summary
मित्रों ! राष्ट्र और समाज के निर्माण में पुलिस की भूमिका प्रथम पंक्ति में आती है ‘आरक्षी पथ-प्रदर्शिका’ ग्रन्थ के माध्यम से मैं अपने युवा साथियों को यह समझना और जानकारी देना चाहता हूँ कि एक सिपाही अनेक कष्ट उठाकर अपने राष्ट्र और समाज का ऋण उतारने के लिए कठिन से कठिन प्रस्थितियों में अपने कर्तव्य और दायित्व की पूर्ति कैसे करता है । यदि उसे सिपाही बनकर देश का सच्चा सपूत बनना है तो उसे जिन प्रक्रियाओं से होकर गुजरना है, उसकी सम्पूर्ण जानकारी देकर कम से कम उसका पथ कुछ तो आसान कर दूँ क्योंकि सिपाही बनने के बाद उसके जीवन पर पहला हक राष्ट्र और समाज का हो जाता है । सिपाही समाज के पत्ते और टहनियों को नहीं सींचता वह राष्ट्र-वृक्ष की जड़ों को सींचता है । राष्ट्र और समाज कि जड़े मजबूत होंगी तो वह स्वयं भी मजबूत होगा । कर्तव्य भावना से किए गए कर्म ही राष्ट्र और समाज के उत्थान का सरल गणित है । - डॉ॰ दर्शन लाल सचदेवा