Sanchar Se Jan-Sanchar Tak INR 316.00
Book summary
संचार एक नैसर्गिक आवश्यकता है। एश्ले फ्रलायड के अनुसार फ्संचार की अनुपस्थिति में मानव-अस्तित्व क्षण भर भी नहीं टिक सकता। मनुष्य भूख व प्यास को भले ही कुछ समय के लिए रोक ले परन्तु यदि संचार उसके जीवन से हटा दिया जाए तो उसे भावनात्मक चोट पहुँच सकती है। यही संचार जब जनसंचार और जनसम्पर्क कार्य करता है तब विशेष तकनीक और विशेषज्ञता की आवश्यकता पड़ती है। सूचना-क्रान्ति वेफ इस नए दौर में जनसम्पर्वफ एक सम्प्रेषण विज्ञान है, जो परस्पर सहमति और सौहार्द्र स्थापित करता है। यह एक कला है, जिसमें मानव-व्यवहार को अपने अनुकूल मोड़ लेने की क्षमताएं विद्यमान हैं।