Svaramani Pt. Mallikarjun Mansur INR 360.00
Book summary
प्रस्तुत पुस्तक में पं. मल्लिकार्जुन मंसूर जी की जीवन यात्रा तथा उनकी संगीत साधना का वानि किया गया है । पं. मल्लिकार्जुन मंसूर के जीवन तथा कृतित्व का सार तत्व, साधना, सम्पर्ण, सादगी तथा उत्कृष्टता बी । जैसे कवियों के बारे में कहा गया है कि वे पैदा होते हैं बनाये नहीं जाते उसी तरह यह संगीत की विभूति बचपन से ही असाधारण प्रतिभा से सम्पन्न थी । पं. मंसूर जी ने बहुत सी ध्वनि मुद्रिकाएं निकाले और वहुत से संगीत कार्यक्रम भी दिए और एक रचनाकार के कप में उन्होंने कन्नड़ शेव भक्त संतों की रचनाओं, वचनों को शास्त्रीय संगीत में निबद्ध करके लोकप्रिय बनाने में पं. जी का वहुत बडा योगदान था । परम्परा को विकृत अथवा विघटित किये विना इसके स्वरुप को अक्षण्णु रखते हुये सृजन करने का सामर्थ्य इस युग में अगर किसी कलाकार में था, तो उसकी पराकाष्ठा पण्डित जी में ही देखी जा सकती थी ।