Muktt Dur Vidya INR 396.00
Book summary
राष्ट्रीय शिक्षा नीति का मूल्यवान उपकरण मुक्त दूर विद्या है । भारत जैसे बहुआबादी वाले देश में मुक्त दूर विद्या के अलावा और कोई विकल्प नहीं है । प्रथागत शिक्षा प्राप्त करना हर एक के लिए संभव नहीं है, इसकी पूर्ति मुक्त दूर विद्या कर रही है । आज तक शिक्षा धनिक एवं अभिजात्य वर्ग तक ही सीमित रही । दूर विद्या के प्रचलन एवं विकास से शिक्षा ने सार्वजनिन रूप ले लिया । अब दूर शिक्षा के द्वारा जो जितना ग्रहण कर सकता है उतना प्राप्त कर सकता है । प्रौद्योगिकी विकास के कारण मिली अत्यअधिक अवसर एवं शिक्षा जीवन पर्यंत तक चलने वाली प्रक्रिया मानने की वैचारिक प्रवृत्ति ने सतत् शिक्षा की माँग को बढ़ावा दिया । स्कूल और कॉलेजों की सीमा से शिक्षा को विस्तार कर मात्रा एवं गुणवत्ता की समस्याओं को दूर कर मुक्त दूर विद्या के द्वारा शिक्षा की माँग की पूर्ति करने का सफल प्रयास दूर विद्यालयों एवं संस्थाओं के द्वारा संपन्न हो रहा है । प्रथागत शिक्षा के समानांतर शिक्षा नीति के रूप में दूर विद्या मूल्यवान उपकरण है । शिक्षा क्षेत्र में मुक्त दूर विद्या की उपादेयता प्रशंसनीय है । समकालीन युग की माँग के अनुसार ही मुक्त दूर विद्या का आविर्भाव हुआ । शिक्षा को लोकोन्मुख बनाने में मुक्त दूर विद्या की उपादेयता को नकारा नहीं जा सकता । यह दिन–ब–दिन शाखाओं– प्रशाखाओं में विस्तरित होते हुए एक विराट रूप ग्रहण कर संसार को आश्चर्यचकित कर रही है । मुक्त दूर विश्वविद्यालयों की मुक्तता सार्वजनीन है, सर्वकालीन है । आज मुक्त दूर विद्या की व्याप्ति एवं विकास के कारण शिक्षा अधिसंख्यक लोगों की पहुँच में आई । अत: मुक्त दूर विद्या का जनांतरीकरण समकालीन युग के लिए प्रासंगिक ही है । आधुनिक युग के लिए दूर विद्या की यह एक महान उपादेयता है ।आज संसार वैश्वीकरण की दिशा में आगे बढ़ रहा है, ऐसी स्थिति में शिक्षा का वैश्वीकरण भी अत्यंत आवश्यक विषय है । इन पहलुओं को दृष्टि में रखकर ही संप्रेषणीय प्रौद्योगिकी के माध्यम से शिक्षा प्रक्रिया को सरल, संभव एवं साध्य बनाने की प्रक्रिया को मुक्त दूर विद्यालयों ने अपनाया ।इसकी उपादेयता अनेक कारणों से प्रथागत शिक्षा से वंचित समूह एवं दूरस्थ ग्रामीण अंचल के विद्यार्थियों, शोधार्थियों के लिए सबसे अधिक होगी । विशेषकर छात्राओं और कम आय वर्ग एवं प्रौढ़ वर्ग के लिए तो मुक्त दूर विद्यालय वरदान हैं ।इनकी कार्यप्रणाली, इनकी अनौपचारिक सुविधाओं के विषय में लोगों को पूरी जानकारी अभी भी नहीं है । उम्र और शैक्षिक योग्यता के बंधनों की शिथिलता ज्ञान, विज्ञान, प्रौद्योगिकी, मानविकी तथा साहित्य की विविध विधाओं के अनेकानेक क्षितिज खोलने वाली दूर शिक्षा का स्वरूप, कार्यप्रणाली और अन्य वांछित जानकारियाँ इस पुस्तक में दी गई हैं । दूर शिक्षा ज्ञानवर्द्धन के साथ आजीविका के लिए रोजगार के विविध द्वार भी खोलती है, इसका सम्यक् ज्ञान भी देती है । आर्थिक दृष्टि से भी किस तरह समाधान प्रस्तुत करती है, इसकी भी विधिवत जानकारी इस पुस्तक में दी गई है ।