Zanzeeron Mein Jakadi Aurat (Kahani Sangrah) INR 200.00
Book summary
आज स्वतंत्राता वेफ इस दौर में यदि कोई शोषित और पीड़ित है, तो वह नारी है। नारी से बढ़कर संसार में कोई दलित नहीं है। इतिहास बदला, युग बदला परन्तु नारी जीवन की व्यथा वैसी की वैसी है। अभी भी उसवेफ पाँव में घुंघरू हैं। उसके नसीब में कोठा है। वह बलात्कार की शिकार है। दहेज की बलि चढ़ती है। पुत्रा को जन्म न देने के कारण तिल-तिल यातना भोगती है। सम्पादित कहानी संग्रह में ज्यादातर कहानियाँ नारी उत्पीड़न से संबंधित हैं। इस विषय पर आधारित पंजाब के जिन कथाकारों की कहानियाँ पिछले दशक में चर्चित रहीं उनको पर्याप्त स्थान दिया गया है।