Rangey Raghav Ka Upanyas-Sahitya Aur Yug-Chetana INR 300.00
Book summary
राघव जी के उपन्यास लोक-युगीन चेतनाओं से युक्त हैं। साहित्य-विस्तीर्ण की वनस्थली में युग-चेतना की उपस्थिति उस स्वस्थ वृक्ष के समान है, जिसकी गहन जड़ें परम्परा से इसे ग्रहण करती हुई वर्तमान को संस्कृत करती है और भविष्य को एक स्वस्थदाय देने की क्षमता रखती है। राघव जी ने उपन्यास साहित्य के माध्यम से प्रागैतिहासिक काल से लेकर स्वतन्त्रा भारत तक की स्थिति को बड़े ही बारीक ढंग से प्रस्तुत कर पाठक जगत को एक नई दिशा प्रदान की है।